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उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक और पौराणिक नगरी वाराणसी काे काशी, बनारस के नाम से भी जाना जाता है। मिर्जापुर, जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली इसके पड़ोसी जिले हैं। वाराणसी को भारत में सांस्कृतिक, सामाजिक, शैक्षणिक, आध्यात्म का केंद्र माना जाता रहा है। गंगा के घाट, महाश्मशान (मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट) से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर, संकटमोचन मंदिर से लेकर hindi news बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ बनारस की पहचान हैं। वाराणसी में विभिन्न कुटीर उद्योग हैं, जिनमें बनारसी साड़ी, कपड़ा उद्योग, कालीन उद्योग एवं हस्तशिल्प प्रमुख हैं। बनारसी पान और यहां का कलाकंद विश्वप्रसिद्ध है। वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनकर आते हैं। इसके अलावा यहां अजगरा, शिवपुर, रोहनियां, वाराणसी नॉर्थ, वाराणसी साउथ, वाराणसी कैंट और सेवापुरी विधानसभा सीटें हैं। वाराणसी की तमाम खबरों के लिए जुड़े रहें नवभारत टाइम्स के साथ।

जिला मुख्यालय कुल्लू के बाद अब कामगारों ने उपमंडल स्तर पर भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बंजार में कामगारों ने विभिन्न ट्रेड यूनियनों के बैनर तले बुधवार को प्रदर्शन किया। और पढ़ें विज्ञापन

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